Menu
blogid : 11616 postid : 866628

मन की चेतना

Arsh
Arsh
  • 20 Posts
  • 4 Comments

बिक रहा है धर्म अब, पथ भ्रष्ट है सब हो रहे,
कह रहा जो सच यहाँ , नास्तिक उसे सब कह रहे,
पूंछता है मन मेरा, क्यों मौन , सब मै मान लूँ ,
हो विरक्त धर्म से अब, अन्नत शक्ति का ध्यान लूँ |

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply