Arsh
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अँखियाँ में पानी है , तेरी याद के साथ ,
ये तो बहुत छलकतीं है ,तेरी याद के बाद ,
अँखियों में ……………….
लगाती है रूहानी सी तेरी मेरी जो कहानी है ,
मिलती है घटायें जैसे सावन से बेजुबानी है
खो गया कहाँ खुद मेरे , मई हूँ उदास
अँखियों में ………………
खुद से उलझता हूँ , खुद से बातें करता हूँ ,
अब टॉप मिलान जरूरी है ,चाहत अधूरी है
खुद से करता हूँ ,अब ये इल्तजा , तो हो मेरे पास
अँखियों में पानी है तेरी …………………..
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